Overthinking kya h?
Overthinking क्या है
Overthinking जब हम किसी चीज को लेकर जादा सोचना शुरू कर देते है उसे overthinking कहते है,कोई समस्या इतनी बड़ी नही होती जितना हमलोग सोचकर बड़ा कर देते है, अपने दिमाग मे कई प्रकार कल्पनिक बीचार बना लेते है, जबकि जो हम सोचते ओ सच नही होता, लेकिन हम किसी चीज को इतना सोच लेते है की हमे लगता है की यही सच होगा, जो ऐसी कोई बात नही होती है,देखिये हम इंसान है,और भगवान ने हमे सोचने की शक्ति दि है, और अपने दिमाग और सोचने की शक्ति और ताकत से हम बड़े और खतरनाक जानवर को भी कैद कर लेते है, और सोचने की शक्ति से ही हम इंसान जानवरो से अलग होते है, सोचना गलत नही है, लेकिन जो परेशानी है ही नही उसे सोचने से क्या फायदा,
Overthinking से क्या होता है?
जब हम किसी चीज को इतना सोच लेते है, जिसके कारण हमे किसी काम मे मन नही लगता, ना हम अच्छे से भोजन करते है, ना पढाई मे मन लगता है, किसी से बात करने का मन नही करता, मन असांत रहता है, हमेशा दुखी रहते है, और इसके कारण हमारा सेहत पर भी असर पड़ता है, मानसिक परेशानी भी हों जाती है,
Overthinking से कैसे बचे
देखिये हम इंसान और परेशानी, मुसीबत, समस्या तो सबकी जीवन मे आती है, और हम जब तक जीवित, (जिंदा) रहेंगे समस्याएं तो आयेगी ही, लेकिन इसका मतलब ये नही है की हम जीवन से हार मान ले, भगवान भी इस पृथ्वी लोक पर आये तो उन्हे भी परेशनियो
का सामना करना पड़ा, और उन्होंने इन समश्याओ का सामना किया
लोगो को अच्छे संदेश भी दिये, आप अपना सोच को सकरात्मक रखना है, अच्छे किताब पढ़ना है, हमारे देश मे इतने बड़े महान लोग है आप उन महान लोगो की जीवनी भी पढ़ सकते है, अच्छे लोगो की संगत मे रहे, और सबसे बड़ी बात है आप अपने आप को busy रखे
आप कोई ना कोई काम जरूर करिये, आप खाली मत बैठिये, आपको तो पता ही होगा की खाली दिमाग सैतान का होता है,
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