जिम्मेदारी
जिम्मेदारी
जिम्मेदारी एक छोटी शब्द है, लेकिन ये शब्द से कोई इंसान बच नही सकता, हर इंसान को अपने जीवन मे जिम्मेदारी लेनी ही पड़ती है,
और हर इंसान के जीवन मे एक ऐसा समय आता है, उसको जिम्मेदारी लेनी पड़ती है, चाहे आप कोई दबाव मे ले, या अपनी मर्जी से, और ये अच्छी बात है, हर इंसान को अपनी जिम्मेदारी लेना चाहिए, कभी-कभी तो अचानक कोई ऐसी परस्थिति आजाती है की इंसान को अपनी पढाई छोड़नी पड़ती है, घर के खर्चे चलाने के लिए कोई काम करना पड़ता है, रिश्तेदार, पड़ोसी, दोस्त ,मित्र कोई साथ नही देता, और जिम्मेदारी वाला पल सबके जीवन मे आता है
घर की जिम्मेदारी
ये तो हम अपने पिता और माता जी से सीख सकते है, की एक पिता अपने बच्चों का पालन - पोसड़ के लिए कितना मेहनत करते है , अपने बच्चों को अच्छे से पढाने के लिए क्या कुछ नही करते की ताकि हमारे बच्चे अच्छे स्कूल मे पढ़ सके, अपनी सारी परेशानियों को सह लेते है, लेकिन अपने बच्चों को कष्ट नही होने देते, स्कूल बैग से लेकर हर एक जरूरतों को पुरा करते है,
गुरु
जैसे एक गुरु अपने शिष्य के प्रति जिम्मेदारी लेता है की अपने शिष्य
को एक अच्छा दिशा दे सके, उसे जीवन कैसे जीना है, अपने शिष्य को अपने तरफ से हर एक प्रयाश करता है, की उसको ज्ञान दे की कही जीवन मे कोई दिक्कत आये तो ओ अच्छे तरह से निपट सके, सही रश्ता का चुनाव कर सके, उसकी वजह से लोगो को कोई दिक्कत ना आये, क्योंकि जीवन मे हर इंसान के सुख दुख आते रहते है उससे घबराये नही, उसका डट कर सामना कर सके,
और जिम्मेदारी से भागे नही,
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