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What is computer💻, कंप्यूटर क्या है?

 कम्प्यूटर क्या है?  What is computer ?  कम्प्यूटर यह अंग्रेजी शब्द (compute) से बना है, और हिंदी मे इसे संगणक कहते है।   इसका अर्थ गणना करना है इसकी  क्षमता सीमित है।  कम्प्यूटर एक electronic machine है,  जो तीव्र गति से कार्य करता है और कोई त्रुटि नही करता है। इसका उपयोग बहुत सारे सूचनाओ को इकठ्ठा करने के लिए होता है। कम्प्यूटर एक यंत्र है जो (data ) ग्रहण करता है व इसे सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार किसी  परिणाम  के लिए process करता है।  इसकी स्मरण  शक्ति मनुष्य के तुलना मै उच्च होती है। और इसको कृत्रिम बुद्धि की संज्ञा दि गई है।  कम्प्यूटर संबंधी प्रारंभिक शब्द 1. (Data) यह अव्यवस्थित आकड़ा या तथ्य है । साधारण data को दो भागो मे बिभाजीत करते हैं _ (अ)  संख्यात्मक डेटा (numerical data) : इस डेटा मे 0 से 9 तक का अंको का प्रयोग होता है; जैसे - जनगणना , रौल नo, कर्मचारियों का वेतन, अंकगणितीय संख्याएँ आदि।  (ब) अल्फानूमेरिक् डेटा (alphanumeric data ) : इस तरह के डेटा मे अक्षरो, अंको, तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है; जैसे.. पता आदि।  2. Suchna (information) : यह अव्यवस्थित data का p

जीवन क्या है? What is life?

जीवन  जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर को हम जीवन कहते है, जीवन जन्म से मृत्यु तक के काल अवधि को जीवन कहते है, जीवन एक प्राकृतिक क्रम है जो चलता ही रहेगा,जब तक मृत्यु नही आयेगा  तब तक जीवन का क्रम चलता ही रहेगा, जिसे इंसानो के हाथ मे कुछ भी नही है जो रोक सके, हर धर्म मे इंसानो के जन्म को लेकर एक अलग कहानी है, और विज्ञान के अनुसार भी इंसान के जन्म  को लेकर कुछ अलग ही कहानी है, और इंसानो का जन्म नर और मादा के संभोग से हुआ,  तो एक छोटा सा शब्द है लेकिन जन्म से लेकर मृत्यु तक सफर करने मे इंसान के जीवन मे कब क्या हो जाए हम इंसान कल्पना भी नही कर सकते है,  और सबसे बड़ी बात  यह है की इश्वर ने हम सबको इंसान के रूप मे इस पृथ्वी पर  बनाया, ये ईशवर की कृपा है, नही तो हम लोगो को जानवर का  रूप भी दे सकते थे, हर इंसान की अपनी एक अलग कहानी होती  है, और सब अपना जीवन जी रहा है,  सबके अपने जीवन जीने का अलग तरीका है,  क्योंकि सबकी मंजिल.. रश्ता अलग है, सबकी परस्थिती अलग है, सब अपने जीवन मे अपने कर्म कर रहा है,  जीवन का उदेश्य देखिये हम इंसान है हमे एक दूसरे का काम आना ही इंसानियत है, हम कब मर जायेंगे ये हम

Overthinking kya h?

 Overthinking क्या है Overthinking जब हम किसी चीज को लेकर जादा सोचना शुरू कर देते है उसे overthinking कहते है,कोई समस्या इतनी बड़ी नही होती जितना हमलोग सोचकर बड़ा कर देते है, अपने दिमाग मे कई प्रकार कल्पनिक बीचार बना लेते है, जबकि जो हम सोचते ओ सच नही होता, लेकिन हम किसी चीज को इतना सोच लेते है की हमे लगता है की यही सच होगा, जो ऐसी कोई बात नही होती है,देखिये हम इंसान है,और भगवान ने हमे सोचने की शक्ति दि है, और अपने दिमाग और सोचने की शक्ति और ताकत से हम बड़े और खतरनाक जानवर को भी कैद कर लेते है, और सोचने की शक्ति से ही हम इंसान जानवरो से अलग होते है, सोचना गलत नही है, लेकिन जो परेशानी है ही नही उसे सोचने से क्या फायदा,  Overthinking से क्या होता है?  जब हम किसी चीज को इतना सोच लेते है, जिसके कारण हमे किसी काम मे मन नही लगता, ना हम अच्छे से भोजन करते है, ना पढाई मे मन लगता है, किसी से बात करने का मन नही करता, मन असांत रहता है, हमेशा दुखी रहते है, और इसके कारण हमारा सेहत पर भी असर पड़ता है, मानसिक परेशानी भी हों जाती है,  Overthinking से कैसे बचे  देखिये हम इंसान और परेशानी, मुसीबत, समस्य

जिम्मेदारी

 जिम्मेदारी जिम्मेदारी एक छोटी शब्द है, लेकिन  ये शब्द से कोई इंसान बच नही सकता, हर इंसान को अपने जीवन मे जिम्मेदारी लेनी ही पड़ती है,  और हर इंसान के जीवन मे एक ऐसा समय आता है, उसको जिम्मेदारी लेनी पड़ती है, चाहे आप कोई दबाव मे ले, या अपनी मर्जी से, और ये अच्छी बात है, हर इंसान को अपनी जिम्मेदारी लेना चाहिए, कभी-कभी तो अचानक कोई ऐसी परस्थिति आजाती है की इंसान को अपनी पढाई छोड़नी पड़ती है, घर के खर्चे चलाने के लिए कोई काम करना पड़ता है, रिश्तेदार, पड़ोसी, दोस्त ,मित्र कोई साथ नही देता, और जिम्मेदारी वाला पल सबके जीवन मे आता है घर की जिम्मेदारी ये तो हम अपने पिता और माता जी से सीख सकते है, की एक पिता अपने बच्चों का पालन - पोसड़ के लिए कितना मेहनत करते है , अपने बच्चों को अच्छे से पढाने के लिए क्या कुछ नही करते की ताकि हमारे बच्चे अच्छे स्कूल मे पढ़ सके, अपनी सारी परेशानियों को सह लेते है, लेकिन अपने बच्चों को कष्ट नही होने देते, स्कूल बैग से लेकर हर एक जरूरतों को पुरा करते है,  गुरु जैसे एक गुरु अपने शिष्य के प्रति जिम्मेदारी लेता है की अपने शिष्य को एक अच्छा दिशा दे सके, उसे जीवन कैसे

आत्महत्या क्यो नही करना चाहिए

आत्महत्या क्या है?  आत्महत्या - अपने आप को जानबुझ कर मारना, देखिये आत्महत्या कोई नही करना चाहता सब अपने जीवन मे खुशहाली से जीना चाहते है,  आत्महत्या इंसान क्यो करता है ?  देखिये आत्महत्या कोई अपने शोख से नही करता है,  किसी भी इंसान को मरना पसंद नही है, सब चाहते है हम अपना जीवन खुशहाली से जिये, लेकिन हमारे जीवन मे कोई समस्या ऐसी आजाती है जिसका सामना करने से हम डरते है, और हमे ऐसा लगता है की ये समस्या इतनी बड़ी है जिसका सामना हम नही कर सकते, और हम डिप्रेशन मे चले जाते है, और हम गलत फैसला ले लेते है,और जीने से  जादा हमे मरना आसान लगता है, और हम आत्महत्या कर लेते है,  देखिये हम इंसान है, और हम जबतक जीवित रहेंगे, हमारे जीवन मे सुख - दुख के पल आते रहेंगे, और हमलोगो को इसका सामना करना पड़ेगा , और इससे हम भाग नही सकते, बहुत से लोग है जो कठिनायियो, परिस्थियों, और परेशानी का सामना किया देखिये आत्महत्या तो बहुत आसान काम है, अगर आप आत्महत्या करते है तो आप कायर है, ये तो हा एक बात है की हमारे जीवन मे कभी ऐसी परेशानी आजाती है, हम उसका सामना नही कर पाते है और हमे मारना (आत्महत्या) करना आशान लगता , और